एक जरा हाथ बड़ा दे तो पकड़ ले दमन,
उसके सिने में समा जाए हमारी धड़कन,
इतनी कुर्बत है तो फासला इतना क्यों है?
कोई ये कैसे बताए के वो तन्हा क्यों है?
उसके सिने में समा जाए हमारी धड़कन,
इतनी कुर्बत है तो फासला इतना क्यों है?
कोई ये कैसे बताए के वो तन्हा क्यों है?
इतदाये इश्क है रोता है क्या
आगे आगे देखिये होता है क्या
मकतबे इश्क का दस्तूर निराला देखा
उस को छुटी ना मिली जिस को सबक याद हुआ
उस को छुटी ना मिली जिस को सबक याद हुआ
ऐ जोक गर है होश तो दुनिया से दूर भाग
इस मक्तबे काम नहीं होशियार का
( One who is enlightened )
हम जैसों की नाकामी पर क्यों हैरत है दुनिया को
हर मौसम में जीने के आदाब कहाँ रखते हैं
हम जैसों की नाकामी पर क्यों हैरत है दुनिया को
हर मौसम में जीने के आदाब कहाँ रखते हैं
जुल्माते शब में निकलूगा लेके अपने दरमान्दा करवा को
अहह मेरी जरर फिशा होगी नफस मेरा शोला बाज होगा
हम दयारे-शब में उजाला बहुत ज़रूरी है
कहीं चिराग, कहीं दिल जलाये जाते हैं
हमीं बनायेंगे दुनिया कोई नई 'आलम'
अभी तो रेत पे नक्शे बनाये जाते हैं
इश्क ऩे तेरे सब बल दीये निकाल
मुद्दत से आरज़ू थी सीधा करे कोई
अभी तो रेत पे नक्शे बनाये जाते हैं
इश्क ऩे तेरे सब बल दीये निकाल
मुद्दत से आरज़ू थी सीधा करे कोई
फिर नज़र से पीला दीजिये
होश मेरे उडा दीजिये
छोड़िये दुश्मनी की तपिश
अब जरा मुस्कुरा दीजिये
होश मेरे उडा दीजिये
छोड़िये दुश्मनी की तपिश
अब जरा मुस्कुरा दीजिये
Badi Be-reham hai roz rang badalati hai
Kabhi dosto ki tarah to kabhi dushmano ki tarah
Rafakate janjir pa nahi hoti Na Chal sako to bichad jao dosto ki tarah . |
Life is cruel changes shades now and then
Sometimes shade of life is like of a friend and sometime of a foe
Relations in life should not be like chains thy feets
If one feel that closing chapter in a relation has come , one should move forward leaving the relation sweeter as friends and not creating bitterness in it like foes while leaving
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हम भी दरिया है हमें अपना हुनर मालूम है
जिस तरफ भी चल पड़ेगे रास्ता हो जायेगा
जिस तरफ भी चल पड़ेगे रास्ता हो जायेगा
कोई ये कैसे बताए के वो तन्हा क्यों है?
वो जो अपना था वही और किसी का क्यों है?
ये ही दुनिया है तो आखिर एईसी ये दुनिया क्यों है?
यही होता है तो आखिर यही होता क्यों है?
वो जो अपना था वही और किसी का क्यों है?
ये ही दुनिया है तो आखिर एईसी ये दुनिया क्यों है?
यही होता है तो आखिर यही होता क्यों है?
एक जरा हाथ बड़ा दे तो पकड़ ले दमन,
उसके सिने में समा जाए हमारी धड़कन,
इतनी कुर्बत है तो फासला इतना क्यों है?
कोई ये कैसे बताए के वो तन्हा क्यों है?
उसके सिने में समा जाए हमारी धड़कन,
इतनी कुर्बत है तो फासला इतना क्यों है?
कोई ये कैसे बताए के वो तन्हा क्यों है?
दिल - ए - बर्बाद से निकला नही अब तक कोई,
एक लूटे घर पे दिया करता है दस्तक कोई,
आस जो टूट गई फिर से बांधता क्यों है?
कोई ये कैसे बताए के वो तन्हा क्यों है?
एक लूटे घर पे दिया करता है दस्तक कोई,
आस जो टूट गई फिर से बांधता क्यों है?
कोई ये कैसे बताए के वो तन्हा क्यों है?
तुम अस्सरत्त् का कहो या इसे गम का रिश्ता,
कहते है प्यार का रिश्ता है जनम का रिश्ता,
है जनम का जो ये रिश्ता तो बदलता क्यों है?
कोई ये कैसे बताए के वो तन्हा क्यों है?
कोई ये कैसे बताए के वो तन्हा क्यों है?
वो जो अपना था वही और किसी का क्यों है?
ये ही दुनिया है तो आखिर एईसी ये दुनिया क्यों है?
यही होता है तो आखिर यही होता क्यों है
कहते है प्यार का रिश्ता है जनम का रिश्ता,
है जनम का जो ये रिश्ता तो बदलता क्यों है?
कोई ये कैसे बताए के वो तन्हा क्यों है?
कोई ये कैसे बताए के वो तन्हा क्यों है?
वो जो अपना था वही और किसी का क्यों है?
ये ही दुनिया है तो आखिर एईसी ये दुनिया क्यों है?
यही होता है तो आखिर यही होता क्यों है