तुम्हारी कृपा है तो दुश्मन का डर क्या
तुम्हारे गुलामो को खोफो खतर क्या
कृपा की नज़र से जो तुम देखते हो
करेगी किसी की भला बद-नज़र क्या
बनाते हो बिगड़ी हुई बात जब तुम
बिगाड़े का ना - चीज़ कम तर बशर क्या
गरीबो के अश्रु -बिंदु पर जो तुम न रूठो
तो कर ले लेगा सारा जहाँ रूठ कर क्या !