------------------------ चेहरा सच बताता है क्या -------------------------


चेहरा सच बताता है क्या

सोचता  हूँ मैं और सोचता ही रहता हूँ 

पहला चेहरा माँ का 

क्या कभी बताया उसने की  भर पेट निवाला खाया उसने 

दूसरा चेहरा शिक्षक  का 

उसने कभी बताया क्या की आज कौन सी सज़ा मिलेगी 

तीसरा चेहरा दोस्त का 

उसने कभी  बताया , क्या शरारत सूझी उसको 

 इसी  तरह कई ओर  चेहरे 

रोजमर्रा की जिंदगी से 

क्या कभी सच बोलेंगे 

सोचता  हूँ मैं और सोचता ही रहता हूँ

कहते हैं खुदा ने इंसान को खुद का अक्स ही बनाया है 

उसका चेहरा क्या मैं पड़ पाऊंगा
 
अगर वो सामने आ जाये 
सोचता  हूँ मैं और सोचता ही रहता हूँ

हाँ एक चेहरा पिछले दिनों मैं पढ़ पाया 

पता नहीं कैसे मैं खुद हैरान हूँ 

जब मेरी माँ ने आखरी समय हॉस्पिटल के Bed पर कहा
 
बेटा ध्यान रखना मैं अब चलती हूँ 

 वोह आंखे बोली ,  हाँ  वोह चेहरा बोला 

सोचता  हूँ मैं , क्या चेहरे  ऐसे ही बोलते है 


सो नहीं पाया हूँ तब से मैं 

सोचता हूँ अब , चेहरे ना ही  बोले तो अच्छा है