:::::::::::::दुविधा दूर करो :::::::::::::::

पल   पल   धोखा   देती   ये   इंद्रिया
 पल   पल   सकल्प   करता   ये  मन 
 न     नीला   है      न   पीला    है
 सब   माया   है     सब    लीला   है 

लीला    यह     कैसी     लीला    है 
न   खोल    सकू   न   बोल  ही  पाऊ
जो    बोलू    तो    सकल्प     करू 
संकल्प    करू    तो    बोलू    क्या
बिन    बोले    फिर    खोलू    क्या 
खोल   तो    दूँ    पर   तोलू   क्या 

यह   केसी     मेरी     दुविधा    है
कृपा    करो    अब    कृपा   करो 
मेरी   यह    दुविधा     दूर   करो 

मेरी    से   मैं    को   हर    लो 
तेरी   से    तैं    को    हर   लो 
तेरी   ओर    मेरी   ऐक   करो 

यह    मेल   करो    यह    मेल  करो
यह   खेल   हरो    यह   खेल    हरो