योगी न जती अकीलो दाना न बना दे
गर शाम बनाना है तो दीवाना बना दे
वो आह दे कि जिस से पत्थर भी पानी
वो दर्द दे जो तुझ को भी दीवाना बना दे
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हम भी सुकरात है एहदे नोके
तश्ना लभी न मर जाये यारो
जहर हो या मये आतशी हो
कोई जामे शहादत तो आये
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