---------- कुछ अशायर फारसी के ----------


योगी  न   जती   अकीलो   दाना   न   बना  दे
गर   शाम  बनाना   है   तो   दीवाना   बना  दे  
वो  आह  दे   कि    जिस  से  पत्थर  भी  पानी
वो  दर्द  दे  जो  तुझ  को   भी  दीवाना  बना  दे 

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हम भी सुकरात है एहदे नोके 
तश्ना लभी न मर जाये यारो 
जहर हो या मये आतशी हो 
कोई जामे शहादत तो आये

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