तुझे खबर भी है मेले में घूमने वाले
तेरी ‘दुकान’ कोई दूसरा चलाता है।
अब तक जो हुआ सो हुआ वाली
अब दिल का रोग लगाना नहीं।
तेरी ‘दुकान’ कोई दूसरा चलाता है।
अब तक जो हुआ सो हुआ वाली
अब दिल का रोग लगाना नहीं।
अब किसी से मिलना जुलना नहीं,
कहीं आना नहीं कहीं जाना नहीं।
तुमको अच्छा या बुरा लगे,
देखो हम झूठ नहीं कहते।
तुम भी दुनिया से कटे रहे,
दुनिया ने भी तुमको माना नहीं।
जो लोग तुम्हारे साथ में हैं,
पत्थर भी उन्हीं के हाथ में हैं।
सब अपनी-अपनी घात में हैं,
तुमने इनको पहचाना नहीं।
दुखों की लंबी-लंबी रातें,
सुखों के छोटे-छोटे दिन।
सब आते जाते मौसम हैं,
मौसम से कभी घबराना नहीं।